शुक्रवार, 24 अप्रैल 2015

गुरुदेव के भजन-117 (Gurudev Ke Bhajan117)





सखी री मेरे सतगुरु मुझसे बोले ,सतगुरु मुझसे बोले 
अबके पूनम की रात को,सत्संग मेरे घर हो  ले 

कैसे कहू मै महिमा उनकी है बड़ी अपरम्पार सखी री 
मन मयूरी बन डोले 

भवन की शोभा है बड़ी न्यारी दर्श को आये है नर नारी 
दिल में उमंगें डोले 

जब वो आये मेरे अंगना पलकें बिछाऊं सजाऊँ अंगना 
इक बार कृपा उनकी हो ले 

सूरत उनकी लगती प्यारी तन मन उनपे जाये वारी 
नैनो की भाषा बोले 



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