रविवार, 26 अप्रैल 2015

गुरुदेव के भजन-142(Gurudev Ke Bhajan142)




ये सुबह भी तू है ये  शाम भी तू है 
तू ही फूलों की खुशबू में है तू ही हमारे में 

बाबा हमको ऐसा वर दो चरणो में हम ध्यान लगाये 
भूले न तुमको जीवन भर हम 
मन में प्रेम की जोत जलाये 

भटके न बाबा जीवन की डगर में राहे ये आसां हो जाएं 
अंगुली हमारी थामके बाबा 
आप  हमें चलना सिखलाये 

तेरे प्रेम का दीपक बाबा हमको ये विश्वास दिलाये 
साथ हमारे रहता है तू 
टूटे मन को धीर बंधाये 


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