गुरुवार, 30 अप्रैल 2015

गुरुदेव के भजन-167 (Gurudev Ke Bhajan167)




तू बाबा दीपक मै तेरी ज्योति तू इक हीरा मै हूँ मोती 
तुझ पर न्योछावर दोनों जहाँ अब तुम कहाँ और हम कहाँ 

तू इक सागर मै इक नदिया ,तुम हो सूरज मै किरण का कतरा 
तेरे चरण की धूल हूँ मै बाग़ है  तू और फूल हूँ मै 

तुझसे चमकते चाँद और तारे हम हे तेरे जुगनू सारे 
तू मेरा भगवन ;मै हूँ पुजारी चरणों में तेरे जिंदगी गुजारी 

तुम हो चन्दन मै हूँ पानी जाकी अंग अंग बास समानी 
तू मेरा मोहन मै तेरी राधा तू मेरा मोती मै हूँ धागा 





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