शुक्रवार, 10 अप्रैल 2015

गुरुदेव के भजन-26 (Gurudev Ke Bhajan-26)




बाबा जी जल्दी चले आइएगा चले आइएगा  न तरसाइएगा

दिल मेरा तुझको पुकारे ऐ बाबा , सुनके सदा मेरी चले आओ बाबा
विनती मेरी को न ठुकराइएगा

गम के भंवर में फँसी जान मेरी , विषयों में डूबी ज़िंदगी है मेरी
उलझन बहुत  है न उलझाइएगा

छाई है बाबा काली घटाएं , कहानी ये अपनी किसे हम सुनायें
सुनके सदा मेरी चले आइएगा

जंग के सताये आये तेरे द्वारे , हमें अपनाकर दे दो सहारे ,,
विनती हमारी न ठुकराइएगा 


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