शुक्रवार, 17 अप्रैल 2015

गुरुदेव के भजन-65(Gurudev Ke Bhajan-65)




सबकी बिगड़ी बात बणावे  दुनिया दर्शन करबा आवे 
थांकी महिमा कही न जावे म्हारो बाबा जी 

बाबा अपणे पास बुलावे , वो तो ऐसो रंग चढ़ावे 
जो धोबी से भी न जावे 

बाबा कर्म काटने आवे ,म्हारी किस्मत ने चमकावे 
अपणे चरणा पास बिठावे 

बाबा ब्रम्ह को ज्ञान करावे ,वो तो नाम दान दिलवावे 
त्रिकुटी को अमृत पिलवावे 

बाबा सांच झूठ समझावे ,अविद्या ने दूर भगावे 
आत्मज्ञान को भेद बतावे 

इंगला पिंगला को बतलावे ,सुष्मण को भी मेल करावे 
वो तो भव सो पार करावे 


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