सोमवार, 20 अप्रैल 2015

गुरुदेव के भजन-82(Gurudev Ke Bhajan82)




करवे बन्दे बंदगी साईं दी सतगुरु पार लंघेसिया 

तू जो करदा मेरी मेरी नइयो ता सुझदी रात अँधेरी 
आ दिलावा दुनिया दी ढ़ेरी कोडी नाल न  वैसिया 

सुख़ दे वेले संगी सारे मात पिता और मित्र प्यारे 
दुःख आवेगा जदों तुम्हारे पुत्र परे वल  वैसिया

करले भक्ति तू सतगुरु दी दुनिया नाल न प्रीत लगावी 
ओहदे दर ते अलख जगावी सब कुछ ऐथे मिल वैसिया



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