मंगलवार, 21 अप्रैल 2015

गुरुदेव के भजन-92(Gurudev Ke Bhajan92)




लगन तुमसे लगा बैठे ,जो होगा देखा जायेगा 
तेरी चौखट पे आ बैठे ,जो होगा देखा जायेगा 

न चाहत इस जहाँ कीहै , न चाहत उस जहाँ की है 
जहाँ दोनों भुला बैठे 

किनारा कर लिया सबसे ,सहारा पा लिया तुझसे 
तेरे क़दमों में आ बैठे 

बसा ली आँखों में सूरत ,तेरी वो मोहनी मूरत 
हस्ती अपनी मिटा बैठे 

रही न जुस्तजू कोई , बची न आरजू कोई  
तुझे अपना बना बैठे


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