रविवार, 24 मई 2015

(09 माता की भेंट (09)

तर्ज;---नगरी नगरी द्वारे द्वारे 

लगियाँ मैनु तेरियाँ तांगा आजा शेरां वालिये 
शक्ति अपनी आन दिखा जा माता शक्ति वालिये 

हार दा पासा नज़र है आन्दा बाज़ी आ पलटा मेरी 
आजा होके रूप पवन दा न मैया तू कर देरी 
दुखड़े मेरे आन मिटा जा भगतां दी रखवालिये लगियाँ मैनु तेरियाँ तांगा 

हारे मेरे नैन विचारे तक तक तेरिया रावा माँ 
बैठी तेरी याद दे अंदर गिण गिण ओसियाँ पावा माँ 
गम नू मेरे दिलों मिटा जा सुए चोल्या वालिये लगियाँ मैनु तेरियाँ तांगा 

खुल जावणगे पड़दे जिस दम झोली राजा खोलेगा 
भोग तेरे दी करे निरादरी पैरा दे विच रोलेगा 
अपने नाम दी लज्जा रखले माता भोली भालिये लगियाँ मैनु तेरियाँ तांगा 

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