मंगलवार, 26 मई 2015

17 माता की भेंट 17

मईया मईया भगत पुकारे आजा शेरा वाली माँ 
झोली अड़ तेरे दर ते खड़ा हाँ भर दे झोली खाली माँ 

तेरी जग तो शान निराली मात पहाड़ा वाली 
जो वि तेरे दर ते आये जाये कदी न खाली 
सब दिया झोलियां भर भर भेजे कोण गया दस खाली माँ 

छेँनया दी झंकार पई आवे भगत ने भेटा गादे 
जय माँ शक्ति शेरा वाली खूब ने पये बुलान्दे 
करदी आशा पूरिया सबदी ओ जग दी रखवाली माँ 

विषया विकारा दी ठानी ने जिंदड़ी मेरी घेरी 
ठोकरा खा खा डिग डिग  के मै शरण लई माँ तेरी 
सारे जग दी सुनन वालिये सुणले विनती मेरी माँ 

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें