मेरे बाबा तू मुझको बुला ले द्वार आने के काबिल नही हूँ
मै गुनहगार हूँ माफ़ करदो सर उठाने के काबिल नही हूँ
खुश्क लब आँखे पथरा गई है धड़कनों का भरोसा नही है
जिंदगी मौत से लड़ रही है लब हिलाने के काबिल नही हूँ
मुझको परवाह नही है ज़माना रूठता है तो रूठे ख़ुशी से
मुझे डर है न तू रूठ जाये मै मनाने के काबिल नही हूँ
गम का मारा हूँ गम का सताया गम ने मुझको परेशां किया है
अब किसी का सहारा नही है गम उठाने के काबिल नही हूँ
तुमने दी है मुझे जिंदगानी तेरी महिमा को मैने न जाना
सिवा दिल के टुकड़ों के दाता कुछ चढ़ाने के काबिल नही हूँ
तू है दातार इस कुल जहाँ का झोली आगे फैलाऊँ मै कैसे
जो दिया है वही कम नही है मै निभाने के काबिल नही हूँ
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