शुक्रवार, 8 मई 2015

गुरुदेव के भजन-230 (Gurudev Ke Bhajan230)




 बिगड़ी मेरी बना दे ओ घाटगेट वाले 
ओ घाटगेट वाले बाबा ओ भोले भाले 

तेरा भरा रहे भंडारा तेरा धाम है न्यारा 
झोली मेरी भरा दे  ओ घाटगेट वाले 

बड़ी दूर है किनारा मेरा कोई न सहारा 
तू किनारे पे लगा दे  ओ घाटगेट वाले 

पापों ने मुझको लूटा पतवार मुझसे 
आके मुझे बचा ले  ओ घाटगेट वाले 

गम से भरा जहाँ है मेरा कोई न यहाँ है 
कर दे ज़रा उजाले  ओ घाटगेट वाले 

मेरे पाँव थक  गए है तेरे दर पे झुक गए है 
अपनी शरण लगा ले  ओ घाटगेट वाले 


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