बुधवार, 13 मई 2015

गुरुदेव के भजन-277 (Gurudev Ke Bhajan 277)



गर लोग ये कहें कि सिमरन को छोड़ दूँ 
तेरा नाम न छोडू तेरे ध्यान को न छोड़ू दुनिया को छोड़ दूँ 

सांसो की डोर से तेरा हर पल मै नाम लूँ 
तेरे नाम ही से मै पल पल ये स्वास लूँ 
मुश्किल है तुझको भूलना चाहे जग ये छोड़ दू 

दुनिया से नाता तोड़के तेरा आसरा लिया 
तेरी याद में ही मैने सदका तुझे किया 
मांगू खैरात नाम की हर आस छोड़ दूँ 

तेरे दर से मिल गई मुझे है मुरादें उम्र भर की 
न टी शाम की खबर मुझे न खबर है मुझे सहर की 
पी लूँ प्याला नाम का भटकने को छोड़ दूँ 


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