गुरुवार, 14 मई 2015

गुरुदेव के भजन-283 (Gurudev Ke Bhajan 283)




बाबा तेरे दर से बढ़कर नही दूजा कोई ठिकाना 
दुनिया ने है ठुकराया बाबा तू न  हमें ठुकराना 

बाबा तेरे नाम का अब तो मुझको है एक सहारा 
तू ही सबसे अच्छा हे तू ही सबसे है प्यारा 
मैने पाया जबसे तुमको गया भूल मुझे है ज़माना 

मेरी टूटी सी नैया का तू ही तो मांझी है 
पटवार तू ही है मेरी मेरे जीवन का सांझी है 
डोले जो भंवर में नैया उसे तू ही पार लगाना 

इस जीवन को अब मैने कर दिया है तेरे हवाले 
चाहे तू मुझे डुबो दे चाहे तू पार लगाले 
तेरे चरणो से ही मिला है मुक्ति का मुझे खज़ाना 


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