तर्ज ---------होठों से छू लो तुम
करना तू कृपा बाबा मुझको ऐसा वर दो
भक्ति पूजा सिमरन मुझको अर्पण करदो
करूँ पूजा मै हरदम तुझको मै न भूलूं
चाहे ख़ुशी हो या गम तेरा नाम न मै भूलूँ
तेरे नाम समर्पित हो सांसे ऐसा वर दो
करूँ तेरी सदा भक्ति जो मुक्तिदाता है
दर तेरे जो आये न खाली जाता है
तेरी चोखट पर निकले ये प्राण मेरे वर दो
तुम पर विश्वास मुझे न मुझको ठुकराना
जब भी मै पुकारूँ तुझे तुम दर्शन दिखलाना
करूँ जीवन न्यौछावर दर पर ऐसा वर दो
तुम ही तो खिवैया हो तुम ही पतवार मेरी
अब तुम ही करो आकर बाबा नैया पार मेरी
सागर है बड़ा गहरा करूँ पार मुझे वर दो
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