सोमवार, 18 मई 2015

गुरुदेव के भजन 333 (Gurudev Ke Bhajan 333)



तर्ज ---कंकरिया मारके जगाया 

बाबा मेने है तुझको बुलाया तेरा हरिकीर्तन कराया 
करो कृपा आज गुरु जी करो कृपा आज गुरु जी 

पूछे कोई तो बताउंगी मै कैसी शोभा है प्यारी तेरे धाम की 
सुबह सवेरे जब चिड़िया चहके बड़ के पेड़ की धूलि बड़े काम की 
जहाँ तूने है ध्यान लगाया 

हर पल तुझे मै याद करूँ  तेरे बिना कुछ भी न भाये  मुझे 
सुबह सवेरे तेरा ध्यान करूँ और फूलो की माला चढ़ाऊँ तुझे
तेरे चरणो में शीश झुकाया 

तेरे बिना गुरु जी न कोई मेरा तेरे दर पे ही डाला है मैने डेरा 
मेरी नैया आके पार करो अटका जाकें  भंवर में मेरा बेडा 
तुझे जीवन आधार बनाया


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