बुधवार, 20 मई 2015

गुरुदेव के भजन 353 (Gurudev Ke Bhajan 353)



बाबा जी तेरे चरणो में मेरा ये संसार है 
अब जिऊँ या मै मरूँ तेरा ही आधार है 

जब तेरा मैने नाम लिया जीवन को सफल किया 
आशा तृष्णा मिट गई सब तेरा ही उपकार है 

बाबा जी तुम न छोड़ना न कभी मुख को मोड़ना 
तेरे बिना इक पल भी जीना अब मेरा दुश्वार है 

चरणो में तेरे मै आई हूँ बाबा जी गम की सताई हूँ 
हाथ धरो तुम मेरे सिर पे हो जाए बेडा पार है 

मुझको ठिकाना मिल गया जीने का बहाना मिल गया 
दुनिया चाहे मेरी वैरी बने उससे न  मुझे  सरोकार है 


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