बुधवार, 20 मई 2015

गुरुदेव के भजन 358 (Gurudev Ke Bhajan 358)

तर्ज ---ऐ मेरे प्यारे वतन 

प्रार्थना कर जोड़कर और झुकाएं अपना सर सुनलो हे गुरुदेव 
हम तो दर पे आये है दुनिया के ठुकराये है सुनलो हे गुरुदेव 

तेरे दर हम आये है श्रद्धा के फूलों को लिए 
भावना अर्पण करे हम आंसू नैनो में लिए 
हमको न ठुकराओ तुम पलकों में बस जाओ तुम  सुनलो हे गुरुदेव 

चरणो में मस्तक हे मेरा तेरे सज़दे में झुका 
मिट गई हर पीड़ा मन की वेदना का स्वर रुका 
अब अकेला छोड़कर हमसे नाता तोड़कर जाना न गुरुदेव 

वादा करलो आज तुम जब भी बुलाऊँ आओगे 
जब भी विपदा आ पड़े तुम हमको न बिसराओगे 
हम तो है तेरी शरण छोड़ेगे न ये चरण  सुनलो हे गुरुदेव 


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