गुरुवार, 21 मई 2015

गुरुदेव के भजन 363 (Gurudev Ke Bhajan 363)


तर्ज--जाने वालो ज़रा 

हे बाबा ज़रा विनती सुनना मेरी मै तेरा दास हूँ 
करना मुझपे कृपा चरणो में दो जगह मै तेरा दास हूँ 

झूठे संसार में न कोई मेरा है 
रौशनी न यहाँ छाया अँधेरा है 
देखा सारा जहाँ खाया धोखा यहाँ मै परेशान हूँ 

मन में मेरे बसी तेरी तस्वीर है 
तेरे हाथो में ही मेरी तकदीर है 
न है सुख का निशां 
हर कोई बदगुमाँ मै तो हैरान हूँ 

तू जो चाहे संवर जाये दुनिया मेरी 
चाहूँ चरणो में गुजरे उमरिया मेरी 
अब सम्भालो मुझे 
तुम बचा लो मुझे मै तो अन्जान हूँ 


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