शुक्रवार, 22 मई 2015

गुरुदेव के भजन 384 (Gurudev Ke Bhajan 384)

तर्ज ----क्या खूब लगती हो बड़ी 


गुरुदेव दया करना मेरे मन में रहा करना
 सिर पर तुम हाथ मेरे हरदम ही रखा करना 

आना तुम बाबा तब तब ----हाँ तब तब 
हम विपदा में तुमको पुकारे जब जब  सिर पर तुम हाथ मेरे हरदम ही रखा करना 


बाबा मुख से हम क्यों बोलें ----हाँ बोलें 
जानो दिल की भेद ये हम क्यों खोले   सिर पर तुम हाथ मेरे हरदम ही रखा करना 


बाबा साथ में रहना हरदम ------हाँ हरदम 
चरणो में  तेरे  निकले बाबा ये दम  सिर पर तुम हाथ मेरे हरदम ही रखा करना 


तेरे दर पे पापी डोले ---------------हाँ डोले 
पागल मनवा बनके पपीहा बोले    सिर पर तुम हाथ मेरे हरदम ही रखा करना 


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