शुक्रवार, 5 जून 2015

,माता की भेंट - 113


सुचिया जोता वालिये फूल चम्बे दा ,
 तेरा भगत कदी न डोले पापी कमेगा 

सुचिया जोता वालिये दो तोते ने 
दे भगता नू दर्शन भगत खलोते  ने 

सुचिया जोता वालिये फुल किकरा दे 
रख चरण दे कोल कदी न  विछड़ेंगे 

सुचिया जोता वालिये फुल नही दाना 
मिठिया मुरादा बाझो दर तो नही जाना 

सुचिया जोता वाली माता प्यारी दा 
कितनी दूर है मंदिर आदक्वारी दा 

तेरी दासी तेरे दर ते आंदी ऐ 
माता जी दिया भेटा खूब गांदी ऐ  




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