माता जी तेरे द्वारे पर इक दुखिया अर्ज करे
तुम बिन मेरा कोई नही जो विपदा मेरी हरे
मेरी मैया तू है भोली भाली
सारे जग की है रखवाली
फिर मेरी बारी पे क्यों न
माता ध्यान धरे तुम बिन मेरा कोई नही जो विपदा मेरी हरे
तूने लाखों को पार उतारा
सबकी विपदाओं को टारा
मुझसे माता रूठ गई क्यों
विपदा कौन हरे तुम बिन मेरा कोई नही जो विपदा मेरी हरे
मैया भूलें मेरी बिसरा दो
चरणो में माता अपने जगह दो
बेटी माँ से दूर रहे
दिल कैसे धीर धरे तुम बिन मेरा कोई नही जो विपदा मेरी हरे
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