हरे भरे माँ पर्वत तेरे हरी भरी हर डाल , दूर दूर से भक्त है आते दर्शन को हर साल
जिस जिसको माँ तूने बुलाया , उनकी लगी कतारे
तेरे द्वार पे तेरे भक्तजन , तेरा नाम पुकारे
जिनकी किस्मत नही खुली , वो तेरी बाट निहारे
जिस पे कृपा हो जाये तेरी , आये यहाँ हर साल
अजब तेरे दर का है नज़ारा , अजब बड़े है भक्त तेरे
तेरे नाम के जयकारे से , हो जाते है मस्त बड़े
तेरे नाम की महिमा गाये , आते जाते भक्त तेरे
यहाँ वहाँ पर जहाँ भी देखो , तेरे लाल ही लाल
माता तेरे दर से कोई , खाली हाथ न जाये
राजा हो या रंक मैया जी, सबकी आस पुजाये
तेरे नाम की शक्ति सारे , मन के भेद मिटाये
आज मैया जी दर्शन देके , करदो हमे निहाल
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