सोमवार, 1 जून 2015

माता की भेंट - 48



तेरी जोत है नूरानी जाने हे कुल ज़माना 
माँ आजा शेरा वाली दर्शन हमे दिखाना 

इक बार अब तो आजा हे शेरो वाली मैया 
भूला हुआ हूँ राही रास्ता हमे बताना 

पापी हूँ ओगुणहारा दे दो मुझे सहारा 
तारे है पापी तूने मुझको भी पार लगाना 

आया हूँ दूरो चलके ऊँचे पहाड़ो वाली 
झोली माँ मेरी भरदो मै बाल हूँ नियाणा 

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