सोमवार, 1 जून 2015

माता की भेंट - 51



यह भवन हे शेरा वाली का , दर भक्तो की रखवाली का 
इस भवन का भक्तो क्या कहना ये भवन है भक्तो का गहना 

यहाँ जगमग ज्योति जग रही है 
यहाँ प्रेम की गंगा बह  रही है 
इस भवन पे मेले लगते है 
श्रद्धा के दीपक जलते है 

यहाँ शक्ति जी की शक्ति है 
यहाँ दया धर्म और भक्ति है 
यहाँ नाम के बाजे बजते है 
और शेर जंगल में गजते है 

यहाँ निश्चा से जो आते है 
वो मनवांछित फल पाते है 
सबकी पूरी आशा होवे 
लकिन जिसको विश्वास होवे 

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