बिगड़ी बनाने वाली जगदम्बिका तू ही है
जिसका न कोई जग में , उसकी सदा तू ही है
तेरा नाम है वो साधन , जो भव से पार करदे
तेरी जोत की किरण इक , रोशन जहाँ को करदे
मेरी लाज रखने वाली , मेरी आत्मा तू ही है
तेरा द्वार छोड़कर मै, जाऊँ कहाँ बता दे
मै राह को हूँ भूला , मुझे रास्ता बता दे
मै आस का हूँ पंछी , मेरा आसरा तू ही है
मै बाल हूँ तुम्हारा , माता हो तुम भवानी
तेरे सिवा मै किससे , अपनी कहूँ कहानी
मेरे दुःख मिटाने वाली , ऐ मैया तू ही तू है
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