शेरा वाली ज़रा , मुझपे करदे दया , तेरी संतान हूँ, मेरी सुनले सदा
जग के जंजाल में, मोह के काल में , फंसके हैरान हूँ , सुनले मेरी सदा
तू मेरी स्वामिनी , मै तेरा दास हूँ , तेरे दर का भिखारी , मै तेरे पास हूँ
खोजता फिर रहा, मै यहाँ से वहाँ , एक अनजान हूँ
मेरे जीवन की ज्योति तेरे हाथ है , मेरी आशा की डोरी तेरे हाथ है
तू मिलेगी कहाँ , मुझको इतना बता , मै परेशान हूँ
मेरे मन पे चढ़ी पाप की है घटा , अपने दीदार से तू इसे दे हटा
मुझको आके बता , भक्तो की सुन सदा , में तो अज्ञान हूँ
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