बुधवार, 9 दिसंबर 2015

हर हाल में खुश है



गर तूने दिया गम तो उसी गम में रहे खुश 
जिस तरह रखा तूने उसी आलम में रहे खुश 
दुःख दर्द में आफत में जंजाल में खुश है 

                   गर तूने ओढ़ाया तो लिया ओढ़ दुशाला 
                    कंबल जो दिया तूने उसे कंधे पे संभाला 
                    दिन रात घड़ी पहर हर हांल में खुश है 

चेहरे पे शिकन हे न जिगर में असरे गम 
यकसा है हमे जिंदगी और मौत का आलम 
गर माल दिया तूने तो उस हाल में खुश है 

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें