गुरुवार, 17 दिसंबर 2015

चैन खो गया




चैन जाने कहाँ खो गया
जाने मुझको ये क्या हो गया

             नींद उड़ने लगी दिल मेरा खो गया
             सपने में ये सारा जहाँ सो गया

इस  तरह वो मुझे याद आने लगे
सपनोँ को मेरे वो सजाने लगे

             पल दो पल में ये क्या हो गया
              दिल मेरा गैर का हो गया

ऐसा सोचा न था पास आएंगे वो
पलको में कभी छुप जाएंगे वो

           जाने क्या हादसा हो गया
           अब तो बस में नहीँ है जिया

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