गेसुओं के बीच ये मुस्कुराता चाँद
हमको मालूम था गज़ब ढायेगा
रातों की नींद हराम हो जायेगी
करवटों को भी न आराम आएगा
चिराग जलाये हम बैठे है अंधेरों में
मौत के इंतज़ार में
मेरे मालिक , मेरे रहबर, मेरे हमदम
मेरी मौत पर तुझे करार आएगा
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