मंगलवार, 22 मार्च 2016

रहनुमाई न होती

अगर तेरी ये रहनुमाई न होती
मेरी जिंदगी मुस्कुराई न होती

                    नज़रों ने तेरी दिल पे ऐहसा किया है
                   हसीं उम्र भर का ये तोहफा दिया है
                   दुनिया से मेरी बगावत न होती
                   अगर तेरी नज़रों की इनायत न होती

मिली मुझको जन्नत साथ है तुम्हारा
तेरे बिना अब न जीना गंवारा
अगर आँख तुझसे मिलाई न होती
खुशियों की महफ़िल सजाई न होती

                   तेरे लिए है मुझको हर गम गंवारा
                   तुझसे ही चमका मेरा ये सितारा
                   किनारे पे किश्ती ये आई न होती
                   अगर तूने पतवार चलाई न होती
@मीना गुलियानी 

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