शनिवार, 9 अप्रैल 2016

माता की भेंट - तर्ज -मेरा नाम है चमेली

खोलो खोलो माँ द्वारे इक दुखिया पुकारे 
रो रो अरजा गुज़ारे तेरा दास माँ 
न जुदाई सही जाए साल सी ने काहनू  लाये 
आजा आजा मेरी माए तेरा दास हाँ 

तेरी मैनू याद सतावे पलकां रो रो पकियां 
तू जिन्हा राहाँ तो आवें मै विछावां अखियाँ 
दर्श दिखादे शेरां वालिये मैनु न भुलावी 
मै ता तेरे ही सहारे ---------खोलो  खोलो 

अरमाना ते हंजुआ दी मै भेंटा लेके आया 
सधरा ते चावा ने मेरी है बुआ खड़काया 
आस पुजादे मेहरा वालिये दिल दी प्यास बुझावी 
मेरा दिल ऐहो पुकारे ---------------खोलो  खोलो 

ऐहो मेरी आस है माए दर्श सदा ही पावा 
बणके तेरा लाल मै अम्बे तेरे ही गुण गावा 
विनती मेरी ऐहो गुफा वालिये मैनु वि दिखावी दाती 
ध्यानु वांग नज़ारे ----------------------खोलो  खोलो 
@मीना गुलियानी 

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें