गुरुवार, 28 अप्रैल 2016

तुझको मेरा दिल पुकारे

मस्त हवाओं में इन फ़िज़ाओं में तुझको मेरा दिल पुकारे
आ जा आ जा रे तुझको मेरा दिल पुकारे
जल्दी आओ देर न करना दिल मेरा तुझको ही पुकारे
आ जा आ जा रे तुझको मेरा दिल पुकारे

                   कितना सुहाना आज समा है  मौसम भी कितना ही जवां है
                    हरसू है सूरज  की लाली फूलों से महका ये बागबाँ है
                    आ जाओ इक बार सनम तुम फिर चाहे सौ बार पुकारें

मेरी सदाएं तुमको पुकारें लौट न जाना दिल ये सदा दे
देर न करना आने की तुम दिल मेरा मिलने की दुआ दे
आज खुदा  भी मेहरबाँ है दिल वीणा का तार पुकारे

                   रूठ न जाना ऐसा मौसम जाने फिर आये न आये
                  रुत ये सुहानी आई है जैसी क्या पता फिर जाके न आये
                  फूलों की हर  डाली पुकारे कजरे की ये धार पुकारे
@मीना गुलियानी 

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