सोमवार, 30 मई 2016

याद बहुत आओगे

तुम फिर अपने  गाँव लौट जाओगे
जाने वाले तुम मुझे याद बहुत आओगे 

वो सुहाने पल आँखों में कटी रातें 
वो सपने सुहाने वो प्यार भरी बातें 

नित संजोते थे ख्वाबों की दुनिया वो मुलाकातें
वो  नदी की तरह उफनती साँसों की बातें

आँखों के अनदेखे सपनों से छलके मधु के प्याले
वो मदभरे होठों तक आते आते क्यों रीत गए

तुम जाओगे गाँव नए और गाओगे गीत नए
ये मधुर सुहाने पल क्यों इतनी जल्दी बीत गए
@मीना गुलियानी

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