सोमवार, 16 मई 2016

रंग ली चुनरिया

प्रेम में तेरे मैने रंग ली चुनरिया
भई बावरिया मै तो प्रेम में तेरे
मै तो भई रे बावरिया

साजन तेरे गाँव में मै तो जबसे आई रे
प्रेम भरी चुनरी तूने ही तो ओढ़ाई रे
रंग गई मै तो अब प्रेम में तेरे
मै तो भई रे बावरिया

ऐसा चढ़ा रंग ये उतर नहीं पाया रे
जितना उतारा उतना गहरा होता पाया रे
दुनिया के जाल से छूटी हिरनिया
मै तो भई रे बावरिया

तेरे संग मैने प्रीत अपनी ये जोड़ी रे
दुनिया से नाता तोडा तेरे संग जोड़ी रे
भूल गई जग सारा सावरिया
मै तो भई रे बावरिया
@मीना गुलियानी 

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