शनिवार, 14 मई 2016

जी न लगे

पिया अब तू नहीं जाना कि जी न लगे
मौसम है सुहाना कि जी न लगे

जाओ न यूँ छोड़कर मुझसे मुँह मोड़कर
ऐसे पिया तो  तुम जाओ ना
कैसे रहूँगी मै तेरे बिना साजना
मुझसे तो ऐसे जिया जाए ना
अब काहे को जाना  कि जी न लगे

रोज़ तुम जाओगे जी मेरा जलाओगे
मुझसे तो सहा ये जाए ना
अभी तुम आये थे अभी फिर जाओगे
रुत बदले तो फिर आये ना
छोडो आना जाना  कि जी न लगे
@मीना गुलियानी

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