बुधवार, 25 मई 2016

दिल ये दीवाना है

दिल ये दीवाना है सबसे बेगाना है 
दीवाना दिल है ये दिल बेगाना 

बेचैन रहता है चुपके से कहता है 
मुझको धड़कने दो अरमा  बहकने दो 
काँटों में कलियों में फूलों  की गलियों में 
फेरा लगाने दो छोडो जी जाने दो 
खो न मै जाऊँगा मै लौट आऊंगा 
तुमने तो सोचा ये अच्छा बहाना है 

चुपके चिनारों में मस्त बहारों में 
बैठे रहें गुमसुम खोये हुए हम तुम 
बागों बगीचों में इन दर दरीचों में 
दिलकश नज़ारों में ठंडी फुहारों   में 
मुझको बुलाओ न यूं तुम सताओ न 
बेचैन करके  फिर कहते हो जाना है 
@मीना गुलियानी  

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