मंगलवार, 7 जून 2016

भजनमाला ----32

छाड़ि चरण कहाँ जाऊँ 
और को सुनि है पीर पराई ,काको विपद सुनाऊँ 

सुर न्र कोउ परमार्थ नाहिंन , कहाँ कहाँ भरम गवाऊँ 

क्षण क्षण तेरे ही नाम की मुक्ता , चुगि चुगि दिवस बिताऊँ 

दास कहत तू मेरो कहावे , मै तेरो कहलाऊँ 
@मीना गुलियानी 

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