गुरुवार, 30 जून 2016

भजनमाला ---61

सदा सत्सग की महिमा ,  मुबारक हो मुबारक हो 

जगत को जलता देख करके प्रभु ने ज्ञान घटा भेजी 
बुझावे ताप त्रय को जो मुबारक हो मुबारक हो 

शोक  संशय सभी भागे गर्जना संतों की सुनके 
पिलावें ज्ञान अमृत को मुबारक हो मुबारक हो 

बिना जप योग यज्ञ तप के सत्संग भवतारन गंगा 
समागम संतों का ऐसा मुबारक हो मुबारक हो 

भवसिंधु पार होने को जहाज सत्संग है जग में 
खिवैया पूर्ण सतगुरु मुबारक हो मुबारक हो 
@मीना गुलियानी 

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