रविवार, 5 जून 2016

यकीन नहीं मुझे

तू ही मेरे प्यार का सच है यकीन नहीं मुझे
मैने तो मासूम अंधेरों में तुझे तलाशा था

आज इन उजालो में जब तुमको पाया है
आज मैने जाना कि तेरा अक्स भी पराया है

उन बीते लम्हों की फिर से मुझे याद आई है
ये तेरे लब,जुल्फें लगता है तू नहीं परछाई है

सोचा कि बहुत दूर निकल जाऊँ तेरे साथ कहीं
पर तभी मैने पाया कि मेरे पाँव तले जमीन नहीं
@मीना गुलियानी 

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