रविवार, 31 जुलाई 2016

भजनमाला -------110

भक्ति की यह तो रीत नही 
मन और कहीँ तन और कहीँ 

मोह ममता ने पर्दा डाला 
लहराती आँखों में माया 
तू हाथ में माला ले बैठा 
मन में भगवान की प्रीत नहीँ 

मानव विषयों में झूम रहा 
मानव पापों में घूम रहा 
मन को तू कैसे समझाये 
इस दाव में तेरी जीत नहीँ 
@मीना गुलियानी 

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