बुधवार, 13 जुलाई 2016

भजनमाला ------------83

सतगुरु तेरे नाम को रटते बीती रे उमरिया
युग बीते तेरी राह को तकते कब लोगे खबरिया

भरम के मारे सतगुरु हम तो फंस गए मायाजाल में
आकर काटो बंधन हमरे हो गए हम बेहाल रे
दर्शन के बिन अखियाँ बरसें ज्यों काली बदरिया

दर्शन के ये नैन प्यासे हरदम तुमको ध्याते है
सतगुरु आओ दर्श दिखाओ चैन कहि नहीं पाते है
कब सुध लोगे सतगुरु मोरी हो गई मै बावरिया

बेदर्दी दुनिया ने मुझको उलझाया मोहजाल में
डूबे जल में उबरें कैसे सतगुरु करो सम्भाल रे
तेरे बिना अब कौन सुनेगा जाऊँ किस नगरिया
@मीना गुलिया

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