शनिवार, 2 जुलाई 2016

मेरे नाम से पहले

दिल  -ऐ -नाकाम लुट चुका है अंजाम से पहले

तूने भी आँखे फेर लीं  इस आलम को देखकर
कोई गर्दिश नहीं थी गर्दिश -ए -अय्याम से पहले

मेरी तकदीर का सितारा भी अभी टूट गया
आवाज़ आई थी शिकस्ते जाम से पहले

तुम्हारी याद हमेशा  क्यों आती है हमें
सितारे फलक में चमकते है शाम से पहले

कैसे कोई जानेगा दिल में उमड़ते हुए तूफ़ान
इक  सन्नाटा सा छाया है कोहराम से पहले

मेरी बर्बादी के अफ़साने जहाँ में जब होंगे
तुम्हारा नाम भी आएगा मेरे नाम से पहले
@मीना गुलियानी 

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