मंगलवार, 9 अगस्त 2016

भजनमाला -----------126

सबसे बड़ा है इस दुनिया में गुरु चरणों का नाता 
लालन पालन मात पिता का गुरु चलना है सिखाता 

जिसके सर पर हाथ गुरु का जीवन से तर जाए 
मंजिल तो क्या चीज़ जगत में खुद भगवन मिल जाए 
रूठे साथी रूठे नाती धन से रूठे भ्राता 

जिसने गुरु चरणों में झुककर अपना शीश नवाया 
आँधी और तूफ़ान चले पर संग गुरु का साया 
जप तप गुरु चाहे लाख करो पर बिन गुरु ज्ञान न आता 

सब कुछ अपना अर्पण करदो चाहे जिधर ले जाए 
जिसको खोजो मन्दिर में मन दर्पण में दिखलाये 
इक पल भी हो जाए कृपा तो भव सागर तर जाता 
@मीना गुलियानी 

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