सोमवार, 26 सितंबर 2016

पनिया भरन की बेला में

सर पे गगरिया  क्यों छलके , पनिया भरन की बेला में
सर से चुनरिया क्यों सरके , पनिया भरन की बेला में

पायलिया मत शोर मचाना , पिया जब होंगे साथ रे
दिल की बातें कर  ही लेंगे , दोनों ही चुपचाप रे
हँस लेंगे हम जी भरके -------------------------

ओ रे पपीहे तू कुछ कहदे, अपने मन की बात रे ,
दिल की बातें जान ही लेंगे ,साजन अपने आप रे
नैनों से कहदो न बरसे -------------------------

जीवन में सब मिल जाए, जब प्रीतम का हो साथ रे
कुछ न बचे कहने सुनने को , दिल से हो दिल की बात रे
मिलने को फिर मन तरसे --------------------------
@मीना गुलियानी 

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