बुधवार, 28 सितंबर 2016

निकसे हैं प्राण ---सैंया

बादल झूमके गावत आज
चन्दा भी छुप छुपके देखत आज
 देखो जी मुझको आवत लाज ---सैंया

तुमको बनाया है मनमीत
देखो हमारी हो गई जीत
अब तुमसे जो हो गई प्रीत
कैसे निभाओगे तुम प्रीत ----सैंया

बाँधी है प्रीत की डोरी जो आज
देखके तुमको आवत लाज
नज़रें झुकाकर करलो जी बात
कहदो अपने जिया की बात ----सैंया

दिल ने उठाये हैं सौ तूफ़ान
काबू में कैसे हों अरमान
तुम ही हो मेरे जीवन प्राण
देखूँ न तुमको निकसे हैं प्राण ---सैंया
@मीना गुलियानी 

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