शुक्रवार, 9 सितंबर 2016

चलें संग तुम्हारे मिलाके कदम

चलें संग तुम्हारे मिलाके कदम
रुकेंगे न हमदम तुम्हारी कसम

                     तेरे प्यार का ही लेके सहारा
                     तुम्हारे बिना न जीना गवारा
                     है जन्नत हमारी जहाँ तू सनम

चन्दा  की रोशनी बरसती रहेगी
महक से हवा भी बहकती रहेगी
फूलों सा महके तेरा गुलबदन

                   देंगी सहारा जो तेरी निगाहें
                   तो आसान होंगी हमारी  ये राहें
                   मिटा देंगे हर फासले को सनम

चाहे ये बदले सारा ज़माना
हमें डर है तुम न कभी दूर जाना
ठोकर पे सारा जहाँ है सनम
@मीना गुलियानी

2 टिप्‍पणियां: