शनिवार, 26 नवंबर 2016

दिल की बात रही फिर दिल में

दिल की बात रही फिर दिल में
आज तलक भी जुबाँ पे न आई
कितनी बार मिले तुम मुझसे
कितनी बार मैं तुम तक आई

हर पल सोचा कहदूँ तुमसे
हर पल तुमसे ही सकुचाई
जोशे जवानी उमड़ी भी तो
लेकर रह गई वो अंगड़ाई

तेरी आँखे कुछ भीगी सी
मीठे सपनों से भर आई
बिन बोले  समझ गए तुम
मैं तो कुछ समझा न पाई

चाँद हमारे ऑंगन उतरा
चाँदनी भी बरसाता रहा
प्यार का डोला संग में लेके
शीतल सी चली पुरवाई
@मीना गुलियानी 

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