रविवार, 4 दिसंबर 2016

तुझसे मेरा जग रोशन है

दिल में बसा है मेरे अब तू कण कण में स्पन्दन है 
रोम रोम तेरा नाम पुकारे तू ही तो अन्तर्मन में है 

तुझसे ही तो संगीत है मेरा तू ही मेरी सरगम है 
सांसों  में तू ही समाया तू ही दिल की धड़कन है 
मन की भावना में तू बसा है तुझको मेरा वन्दन है 

अस्ताचल की किरणों में तू लहरों में तेरा गान बसा 
मन उपवन का फूल भी तू है तुझसे ये संसार बसा 
हर रचना से तू मुझे प्यारा तू ही तो मेरा दर्पण है 

मेरी इच्छा को तू जाने क्या चाहूँ मैं इसके सिवा 
दिल तेरा ही दर्शन मांगे कुछ न मांगू इसके सिवा 
 नज़रों में तू ही समाया तुझसे मेरा जग रोशन है 
@मीना गुलियानी 

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