बुधवार, 1 फ़रवरी 2017

मत करो धोखा किसी से

मत करो धोखा किसी से
रूह तुम्हारी भी काँप उठेगी
लगेगी किसी की बददुआ तो
दुनिया तेरी भी हिल उठेगी

पाँव फिर ज़मी पर न पड़ेंगे
धरती भी डोलने लगेगी
जुर्म सब कब  तक सहेंगे
आखिर कब तक चुप रहेंगे

कर्म फल भोगेंगे निश्चित
गीता में ऐसा लिखा है
तुम भी सब ये जानते हो
सच ये मैंने भी कहा है
@मीना गुलियानी 

2 टिप्‍पणियां: