गुरुवार, 9 फ़रवरी 2017

ऊपर खुला आसमान है

यह सड़क हर तरफ से ही सुनसान है
आदमी मगर यहाँ का बड़ा सावधान है

हम फिसल गए तो फिसलते चले गए
सोचा न था कि इस मोड़ पर ढलान है

कभी तो हँस दो खुलके बात करो हमसे
वरना कहेगा कोई तू कितना बेज़ुबान है

इतनी मसरूफियत भी अच्छी नहीँ लगती
सभी अपने अपने हालातों से परेशान हैं

हम उस जगह पर हैं जहाँ अपनी खबर नहीँ
चल रहे हैं ज़मी पर ऊपर खुला आसमान है
@मीना गुलियानी 

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